अंबाला में अनिल विज के घर बाहर आशा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
Asha workers demonstrated
अंबाला। हरियाणा की सभी आशा वर्कर्स एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सोमवार को सड़कों पर उतरीं। आशा वर्कर्स गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निवास स्थान पर पहुंचीं। अलग-अलग शहरों से पहुंची आशा वर्कर्स ने अंबाला कैंट शास्त्री कॉलोनी के बाहर जमकर प्रदर्शन और विरोधी नारेबाजी की। वहीं सुरक्षा मे मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
आशा वर्कर यूनियन की राज्य महासचिव सुनीता ने बताया कि आशा वर्करों ने कोरोना योद्धा के रूप में काम किया है। लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 1500 रुपए मानदेय की दो फाइलों को रद्द कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा आशा वर्करों की फाइलों को पास करने के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा गया था। लेकिन फाइल रद्द होने से वे निराश हैं। उनकी सरकार से मांग है कि रद्द फाइलों को दोबारा से प्रक्रिया में लाया जाए। 1500 रुपए मानदेय जल्द दिया जाए। साथ ही आशा वर्करों के उपचार का जिम्मा भी सरकार उठाए। जल्द ही उनकी मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एनएचएम में कार्यरत सभी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का तोहफा दिया है, यह सराहनीय काम है। लेकिन इसमें आशा वर्कर्स की अनदेखी की गई है। जबकि आशा वर्कर्स स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ हैं। तमाम योजनाओं को लोगों तक आशा वर्कर ही लेकर जाती हैं। कोरोना काल में आशा वर्करों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए काम किया है। कोरोना संक्रमित मरीजों को चिह्नित करके उन्हें आइसोलेट करने, उन तक दवाई पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान के दौरान भी आशा वर्करों का योगदान सराहनीय रहा है।